जब कोई व्यक्ति नशा करता है और वो नशा जब अधिक चढ़ जाता है तो उसको हैंगओवर कहते है। हैंगओवर में व्यक्ति को सिर दर्द , आँखे लाल होना , मांसपेशियों में दर्द , रक्तचाप बढ़ना , पसीना आना आदि लक्षण देखने को मिलते है। नशा ( हैंगओवर ) उतारने के लिए कुछ घरेलु नुस्खे है जिनका आप उपयोग कर नशा उतार सकते हैं
शराब का नशा –
शराब का नशा उतारने के लिए
- एक नींबू एक कप पानी में निचोड़कर आवश्यकता अनुसार कई बार पिलाएं या दो सेबों का रस निचोड़कर पिलाएं।
- यदि शराब अत्यधिक पीने से जीवन खतरे में पड़ जाये तो २५ ग्राम देशी घी में २५ ग्राम पिसी हुई मिश्री या चीनी मिलाकर चटाए।
- सिर पर ठंडा पानी डालें , अमरुद खिलाना या पिसा हुआ धनिया – शक्कर खिलाना हितकर है।
भांग का नशा –
भांग का नशा ज्यादा चढ़ गया हो तो –
- पकी इमली का गुदा 30 ग्राम , 250 ग्राम पानी में भिगोकर , मथकर , छानकर उसमे 30 ग्राम गुड़ मिलाकर यह इमली का पानी पिलाएं। शराब तथा धतूरे का विष या नशा उतारने के लिए भी यह इमली का पन्ना बहुत लाभदायक है।
- भांग का नशा उतारने के लिए छाछ पिलायें या मीठा ताज़ा दही खिलाएं।
- नींबू चूसने को दें या नींबू का अचार खाने को दें।
- भांग का नशा अमरुद खाने से उतर जाता है।
भांग के नशे से मूर्छित व्यक्ति को ( यदि जरा भी होश हो ) तो जामुन के पेड़ की नर्म – नर्म कोपलें खिलाने से उसका नशा उतर जायेगा। यदि बेहोशी गहरी हो तो 20 ग्राम जामुन के पत्तो को पानी में ठंडाई की भांति घोटकर दिन में 2-3 बार दें।
भांग के नशे से होने वाली बेहोशी को दूर करने के लिए :- सरसों का तेल गर्म करके गुनगुने सरसों के तेल की कुछ बुँदे रोगी के दोनो कानों में डालें। बेहोशी दूर होगी। जब तक रोगी पूरी तरह ठीक न हो जाये तंब तक कानों में गुनगुना सरसों का तेल कई बार डालते रहे।
सूखे बलगम को जल्दी निकालने के लिए – काफी पुरानी लेकिन अच्छी इमली 20 ग्राम , गुड़ 30 ग्राम पाव किलो पानी में घोलकर दिन में तीन बार पीए।
अफीम का विष या नशा –
अफीम का विष या नशा उतारने के लिए आधा ग्राम से एक ग्राम हीरा हींग ( या जितनी मात्रा में अफीम खाई हो उतनी मात्रा में हींग ) 60 ग्राम गुनगुने पानी या छाछ में घोलकर 2-3 बर पिलाएं।
यदि अफीम खाए हुए देर नहीं हुई हो तो तुरंत उल्टी कराए। उल्टी कराने के लिए 25 ग्राम घी पिलाएं या दो चम्मच खाने वाला नमक एक गिलास गुनगुने पानी में घोलकर पिलाएं और फिर उसके गले में उंगली डालकर उल्टी करवाए।
इसके अलावा –
- रोगी को सोने न दें , सचेत रखें। खाली पेट और अफीम खाकर सो जाने से जहर का जोर बढ़ जाता है। सिर पर ठन्डे पानी की धारा छोड़े और चिमटी से काटे। उल्टी होने के बाद नींद न आने देने के लिए पन्द्रह – पंद्रह मिनट बाद तेज़ काफी पिलाएं।
- तिल के तेल में मिलाकर अफीम खाने पर बच पाना मुश्किल होता है। ऐसी अवस्था में चार ग्राम फिटकरी चूर्ण का पानी के साथ लेने से अफीम का विष शांत हो जाता है।
- 25 ग्राम अखरोट की मात्रा रोज़ाना सात दिन तक खिलाना हितकर है।
- दिन में आठ – दस बार 125 ग्राम की मात्रा में दूध पीने से भी अफीम और भांग का नशा नष्ट हो जाता है।
हर प्रकार का नशा –
1 चरस ( भांग , गांजा , धतूरा ) या कोई नशा किसी को अधिक चढ़ गया हो तो 60 ग्राम अंगूर को पीसकर पानी में छान लें। इसमें काली मिर्च , जीरा , नमक मिलाकर दें। जल्दी ही नशा उतर जायेगा।
किसी भी नशे से धुत व्यक्ति को आवशयकतानुसार 100 ग्राम से 200 ग्राम प्याज का रस पिलाने से नशा बहुत कम हो जाता है।