तुतलाना एवं हकलाना के घरेलु उपचार

तुतलाना एवं हकलाना के घरेलु उपचार
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सबसे पहले तो आपको ये बता दें की यदि बच्चा तुतलाकर बोल रहा है  या हकला रहा है तो ये कोई बीमारी नहीं है। बचपन में बच्चों को कई आदतें लग जाती है जिसे बड़े होकर छुड़ाना मुश्किल होता है ऐसी ही एक आदत तुतलाने की है जिसे समय रहते छुड़ाना जरुरी होता है और यदि इसको समय रहते नहीं सुधारा गया तो बड़े होकर हंसी का पात्र बन सकते है। अब जानते है बच्चो में तुतलाना क्या है।

 बच्चों में तुतलाना

यदि बच्चा तुतलाकर बात कर रहा है तो इसका मतलब ये है की वो स्पष्ट तरीके से बात नहीं कर पा रहा है। यदि बच्चे तुतला रहे है या सही तरीके से बात नहीं कर पा रहे है तो इस वजह से उनकी बातो को समझ पाना मुश्किल होता है। वे बोलना कुछ छहगते है लेकिन शब्द कुछ और निकलता है जैसे श की जगह स बोलना ‘शहर’ को  ‘सहर’ बोलना।

बच्चे जब बोलना शुरू करते है तब तुतलाकर बोलते है आमतौर पर ३-४ वर्ष के बच्चे तुतलाकर बोलते है , पर यदि ५ वर्ष या उससे अधिक होने पर भी बैसेह तुतलाकर बोल रहे है तो यह समस्या है जिसको सही समय रहते ठीक करना बहुत जरुरी है। इसके लिए हम आपको घरेलु उपाय बताने जा रहे है जिससे आप बच्चों के तुतलाने को और हकलाने को खत्म कर सकते है।

घरेलु नुस्खे –
  1.  बच्चे यदि एक ताज़ा हरा आंवला रोजाना कुछ दिन चबाएं तो तुतलाना और हकलाना मिटता है।जीभ पतली और आवाज़ साफ आने लगती है। मुँह की गर्मी भी शांत होती है।
  2. सात बादाम गिरी , सात काली मिर्च , दोनों की कुछ बुँदे पानी के साथ घिसकर चटनी सी बना लें  और इसमें जरा सी पीसी हुई मिश्री मिलाकर चाटे। सुबह खाली पेट कुछ दिन लें।
  3. स्पष्ट नहीं बोलने और काफी ताकत  लगाने पर भी हकलाहट दूर न हो तो दो काली मिर्च मुँह में रखकर चबाएं -चूसे। यह प्रयोग दिन में बार लम्बे समय तक करें।
हकलाकर बोलने पर –

यदि बच्चा हकलाकर बोल रहा है तो उसके लिए ५ ग्राम सौंफ को थोड़ा कूटकर ३०० ग्राम पानी में उबालें। जब पानी उबलकर १०० ग्राम रह जाये तब उसमें ५० ग्राम मिश्री तथा २५० ग्राम गाय का दूध मिलाकर रोज़ाना सोने से पहले पीते रहने से कुछ दिनों में ही हकलाकर बोलना ठीक हो जाता है।

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